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स्वदेशी फार्म रिसर्च, तिलहन उत्पादन, फूड प्रोसेसिंग और ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के आगामी बजट में अतिरिक्त फंड और इंसेंटिव उपलब्ध कराने चाहिए। इससे एग्रीकल्चर सेक्टर की ओवरऑल ग्रोथ में मदद मिलेगी। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने यह बात कही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को किसानों की मदद के लिए सब्सिडी देने के बजाए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम का उपयोग करना चाहिए।
किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का अहम रोल
DCM श्रीराम के चेयरमैन और सीनियर MD अजय श्रीराम का कहना है कि किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का काफी अहम रोल है। इससे बिचौलियों की लागत घट जाती है। सरकार को आगामी बजट में फूड प्रोसेसिंग को स्पेशल इंसेंटिव उपलब्ध कराने चाहिए। ये इंसेंटिव ब्याज में मदद, कम टैक्स, तकनीक तक पहुंच आदि तरीकों से उपलब्ध कराए जा सकते हैं। PM-Kisan स्कीम का हवाला देते हुए अजय श्रीराम ने कहा कि सरकार को सब्सिडी के बजाए DBT मैकेनिज्म को बेहतर तरीके से और किसानों की मदद के लिए धीरे-धीरे लागू करना जाहिए।
DBT से किसान बेहतर बीज खरीद सकेंगे
अजय श्रीराम के मुताबिक, यह किसानों को तय करना चाहिए कि DBT से मिले पैसों का कैसे उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि DBT बैनिफिट मिलने से किसान बेहतर बीज खरीद सकते हैं। वे नए फर्टिलाइजर इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही फसल के अनुकूल पानी का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई भारतीय स्टार्टअप्स ने एग्री-टेक्नोलॉजी में निवेश किया है। अब सरकार को इन कंपनियों के ग्रोथ और नई तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने वाली पॉलिसी बनानी चाहिए।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए ज्यादा फंड आवंटित करना चाहिए
कंसल्टिंग फर्म डेलॉय इंडिया ने सुझाव दिया है कि सरकार को रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) के लिए ज्यादा फंड आवंटित करना चाहिए। साथ ही तिलहन को बढ़ावा देने के लिए खाने के तेल का आयात कम करना चाहिए।
किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए
ऑर्गेनिश (Organisch) ओवरसीज के फाउंडर चिराग अरोरा का कहना है कि सरकार को किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। अरोरा ने कहा कि यह प्राइवेट सेक्टर को टैक्स इंसेंटिव का ऑफर देकर कृषि सेक्टर के लिए प्रोत्साहित करने का समय है। इसके अलावा कोल्ड चेन को बढ़ावा देने और स्टोरेज क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।
पिछले महीने वित्त मंत्री के साथ वर्चुअल प्री-बजट कंसल्टेशन के दौरान भारत कृषक समाज (BKS) ने कहा था कि सरकार को फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को बैलेंस करने के लिए इंसेंटिव देना चाहिए। इसके लिए आगामी बजट में यूरिया की कीमतों में बढ़ोतरी और फॉस्फेट एंड पोटेसिक न्यूट्रीएंट्स की कीमतों में कमी की जा सकती है।
डीजल पर टैक्स में कटौती की जानी चाहिए
BKS के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ का कहना है कि सरकार को डीजल पर टैक्स में कटौती और फल-सब्जियों के ट्रांसपोर्टेशन पर सब्सिडी दी जानी चाहिए। उन्होंने माइक्रो सिंचाई और सोलर पंप पर तीन गुना निवेश की बात कही। साथ ही मिट्टी की नमी मापने के सेंसर के वितरण के लिए फंडिंग करनी चाहिए।
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