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डेवलपर्स ने कोरोना संकट के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले साल 190 अधूरे प्रोजेक्ट का कंस्ट्रक्शन पूरा किया। इन प्रोजेक्ट में कुल 73,560 घर थे। ये सभी प्रोजेक्ट 2013 और उससे पहले लांच किए गए थे, पर पूरा नहीं हो पा रहे थे। वर्तमान में इनकी वैल्यू करीबन 4.07 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। रियल्टी सेक्टर की एक कंसल्टेंसी फर्म एनाराॅक ने यह जानकारी दी है।
मुंबई में फंसे हुए सबसे ज्यादा घर बने
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल सबसे ज्यादा जिस शहर में अटके हुए प्रोजेक्ट पर काम किया गया है, वो है- मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (MMR)। मुंबई में 2020 में लगभग 84 अटके हुए प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं। यहां अब भी करीब 1.80 लाख यूनिट अटकी पड़ी हैं। इनकी वैल्यू 2 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसके बाद नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में करीबन 1.90 लाख प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। इनकी वैल्यू 1.19 लाख करोड़ रुपए है।
दक्षिणी राज्यों में फंसे प्रोजेक्ट सबसे कम
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में NCR और MMR में सबसे ज्यादा 74% प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। इस मामले में साउथ में बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में केवल 8% ही प्रोजेक्ट फंसे हुए हैं। पुणे में लगभग 16% प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए हैं।
इन शहरों में फंसे हैं प्रोजेक्ट...
शहर | 2020 के अंत तक कुल अधूरे घर | अधूरे घरों की अनुमानित वैल्यू (करोड़ रु. में) |
बेंगलुरू | 29,850 | 22,276 |
चेन्नई | 5,940 | 3,886 |
हैदराबाद | 6,520 | 4,305 |
कोलकाता | 9,180 | 5,436 |
एमएमआर | 1,80,250 | 2,02,145 |
एनसीआर | 1,90,120 | 1,19,291 |
पुणे | 80,480 | 49,667 |
टोटल | 5,02,340 | 4,07,005 |
सोर्स- एनाराॅक रिसर्च
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